पाया है जिस ख़ुशी को दिल चाहे फिर से पाना
क्यूँ मीठा सा लगे ये रह रह के दूर जाना
हैं पास पर नहीं पास होने की हरकत
है चंचल बड़ा दिल का ये मुस्कुराना
पाया है जिस ख़ुशी को दिल चाहे फिर से पाना
क्यूँ मीठा सा लगे ये रह रह के दूर जाना
हैं पास पर नहीं पास होने की हरकत
है चंचल बड़ा दिल का ये मुस्कुराना